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Monday 20 April 2020

Commerce scope in future in Hindi | जाने कॉमर्स में हैं करियर का कितना स्कोप

Commerce scope in future in Hindi 

जाने कॉमर्स में हैं करियर का कितना स्कोप


राज्य बोर्ड के रिज़ल्ट का ऐलान मई या जून में हो जाएगा। नतीजों के बाद जहां 10वीं के छात्र अलग-अलग स्ट्रीम में जाएंगे तो वही 12वीं के छात्र 10वीं में चुने अपने विषय के आधार पर करियर की नई दुनिया में कदम रखेंगे। इसलिए 10वीं में ये फैसला सोच समझकर लेना बेहद ज़रूरी है। तो आइये जानते है कि कॉमर्स में हैं करियर का कितना स्कोप ( Commerce scope in future in Hindi )


Commerce scope in future in Hindi | जाने कॉमर्स में हैं करियर का कितना स्कोप
Commerce scope in future in Hindi | जाने कॉमर्स में हैं करियर का कितना स्कोप


अगर बात कॉमर्स की करें तो इस स्ट्रीम में हर साल ज्यादा से ज्यादा छात्र जाना चाहते हैं। कारण है इस विषय का बढ़ता स्कोप और बढ़िया पैकेज। जो छात्रों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। सिर्फ यही नहीं इस स्ट्रीम के छात्र कला के क्षेत्र में भी अपना करियर बना सकते हैं। 

लेकिन 10वीं और 12वीं दोनों ही कक्षाओं के स्टूडेंट के लिए ये ज़रूरी है कि वो कॉमर्स के चुनने या फिर आगे इसमें करियर तय करने से पहले तमाम संभावनाओं को ज़रूर जान लें। इसीलिए रिज़ल्ट डिक्लेयर होने से पहले हम आपके लिए लाएं है कॉमर्स स्ट्रीम कें कुछ कोर्स की जानकारी जो आपके करियर में काफी मददगार साबित हो सकती हैं। साथ ही 10वीं के छात्र के लिए भी उपयोगी साबित होगी।
1. बीकॉम इन अकाउंटिंग एंड कॉमर्स
बैचलर ऑफ कॉमर्स यानि बीकॉम एक डिग्री कोर्स है जिसे हर कॉलेज अपने पाठ्यक्रम में शामिल ज़रूर करता है।
इस पाठ्यक्रम की अवधि भारतीय कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में 3 साल की होती है। दिल्ली एनसीआर, बैंगलोर, कोलकाता, मुंबई और पुणे में खासतौर से इसकी पढ़ाई की जा सकती है।
2. बीबीए एलएलबी
बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और बैचलर ऑफ लेजिस्लेटिव लॉ ऑनर्स, एक स्नातक प्रशासनिक कानून पेशेवर एकीकृत पाठ्यक्रम है।
जिसका छात्र बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और लॉ का अध्ययन करता हैं।
कोई भी छात्र जिसने न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ 12वीं की हो इस कोर्स के लिए पात्र माना जाता है।
3. चार्टर्ड एकाउंटेंसी (सीए)
चार्टर्ड एकाउंटेंसी यानि सीए एक कोर्स है जिसके ज़रिए वाणिज्य छात्र चार्टर्ड एकाउंटेंट बनने के लिए आगे बढ़ सकते हैं।
इसके लिए उम्मीदवार को चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया यानि आईसीएआई संस्थान के साथ पंजीकरण करने की जरूरत होती है।
किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से कुल मिलाकर कम से कम 50 फीसदी अंकों से 12वीं पास होनी चाहिए।
इसके बाद इस कोर्स के लिए एडमिशन लिया जा सकता है।
4.कंपनी सचिव (सीएस)
कंपनी सचिव या सीएस भी छात्रों में सीए के बाद सबसे लोकप्रिय कोर्स है।
जिसे 12वीं में 50 फीसदी अंक हासिल करने के बाद किया जा सकता है।
इस कोर्स को करने के बाद नौकरी की अपार संभावनाएं खुल जाती है।
सीएस की डिग्री हासिल करने के बाद छात्र को भारत के कंपनी सचिवों (आईसीएसआई) के साथ पंजीकरण करना होगा।
5. बीसीए (आईटी एंड सॉफ्टवेयर)
बीसीए खासतौर से उन्ही स्टूडेंट के लिए है जिन्हे कंप्यूटर से प्यार हो।
बीसीए की डिग्री कम्प्यूटर साइंस या सूचना प्रौद्योगिकी में बीटेक / बीई डिग्री के बराबर मानी जाती है।;
एक छात्र जिसने गणित के साथ किसी भी विषय से 12वीं पास की हो वो इसके लिए पात्र माना जाता है लेकिन 12वीं में 45 फीसदी अंक होने ही चाहिए।
6. बीबीए / बीएमएस
बीबीए / बीएमएस बिजनेस मैनेजमेंट में करियर चलाने के लिए बैचलर डिग्री है। जिसे किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से किसी भी स्ट्रीम में 12वीं शन
इसके लिए कम से कम 50 फीसदी अंक 12वीं में आने चाहिए।

इस कोर्स को किसी भी स्ट्रीम का स्टूडेंट कर सकता है लेकिन कॉमर्स के स्टूडेंट को इसे समझना और भी आसान हो जाता है।
बैचलर ऑफ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन यानि बीबीए और बैचलर ऑफ मैनेजमैंट स्ट्डीज़ यानि बीएमएस एमबीए में मास्टर्स के लिए एक अहम भूमिका निभाता है।

यानि अगर आप कॉमर्स में ही चाहते हैं करियर बनाना तो आपके पास य़े ढेरों ऑप्शन मौजूद हैं।
 source: bhaskar

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